मन प्रेम से मीत बुलाते रहे, दुश्मन भी गले लगाते रहे, और कभी किसी से वैर न हो, सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो, अपनत्व की आभा बढ़ती रहे, और ..... हर रोज़ दिवाली होती रहे ।
मन प्रेम से मीत बुलाते रहे, दुश्मन भी गले लगाते रहे, और कभी किसी से वैर न हो, सब अपने हों, कोई ग़ैर न हो, अपनत्व की आभा बढ़ती रहे, और ..... हर रोज़ दिवाली होती रहे ।
Meet the mind of love are called, are embracing enemy, and not revenge ever since, all their might be an outlier, are growing feeling of belonging, and ..... Diwali are everyday.
Mind are kind man ka meet with love, are enemy would embrace, and sometimes to any disagreement, all his, any time if, speaking, are of increasing Abha ...... and every thicket Shivratr are is.